इन दिनों कुछ नया शब्द ढूंढ रहा
कि गढ़ सकु नए अर्थ इनमे
अब तक पुराने पर ही पैबन्द लगा कर
सुनाता था तुम्हे कविताये
तुम्हे पैबंदो से प्यार होता गया
और मैं नए अर्थ से दूर हो गया
अब तुम कुछ दूर चली ही गयी हो
तो खोजने दो मुझे नए शब्द
जो दे सके मुझे नए अर्थ
जब पढ़ना मेरी कविता
तो मत ढूँढना पेेॆबंद क्योकि,
फिर एक दुरी हम दोनों के दरमिया आएगी
मेरी कविता फिर एक बार फिर तुमसे दूर हो जायेगी