नजाने ये रास्ते कहा लेजारहे है,
सपनोंकी आस दिखाकर हर मोड़ से वही ले आ रहे है,
सूरज भी रास्तोंके अँधेरे मिटा नहीं पा रहा,
पथरीले रास्तों पर ठोकर हर कोई खा रहा,
सबको अपने सपनोका हितो सहारा है,
झूठी इस दुनिया में हर कोई तसल्ली पे जी रहा है,
कोई अपने करोड़ पे तो कोई रोड पे,
दुःख तो हर कोई सेह रहा है,
फिर भी हर मोड़ पर दिलमे एक आस रहती है,
खामोश राहोपर सासोंकी आवाज रहती है.
- Ketan S Vadhavane