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Yaadgaar

By Kamal in Poems » Long
Updated 10:30 IST Jun 27, 2016

Views » 910 | 2 min read

यादगार 
 
नाम था आपका सुमतिलाल 
मति चलती थी बहोत तेज 
निर्णय लेते थे सही बराबर 
नहीं डरते थे किसीको हिंमतसे 
मनमें आया वो करके बताते 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा
जुुनरमें जनम हुवा पढाई हुई 
एकलौते थे आप माँ बापको सबको 
लाडसे प्यारसे बचपन पाया 
सबजन डरते थे हमेशा आपको 
आप सबका ध्यान रखते थे 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा
बाई महाराज सबके लाडले थे बाबालाल 
महरजसाब माता पिताकी सेवा करी जानसे
आपके पिताजीने कपट उठाये आपके लिए
माताने आपका शब्द कभी निचे नहीं गिराया
उन्हींका ग्यान लिया और आगे बढते रहे 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा
साल ६१ आते ही व्यवसाय छोड़ दिया 
दुसरे बच्चोंपे  नज़र रखि दुर धृस्टिसे
बच्च्को सिखाया पानीमें दुबे तोह तरना सिखो
उन्होंने भी आपसे बहोत कुछ पाया 
बच्चोने सम्भाला कारबार सही ढंगसे 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा 
आपको बड़ी बड़ी बिमारी आयी
घबराये नहीं हिम्मत हम सबको दी 
नउ ऑपरेशन हुए आपके बड़े बड़े 
बच्चोने बहूरनिंे पोता पोतीने सेवा करी 
नियतिने बहोत ध्यान रखा आपका मनंसे
जाया, राजू , श्वेता दौड़के आई मिलनेको 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा 
सब जन राय लेते थे सीखते थे कुछ नया 
सभी शौक आपने सबके पुरे करे मनसे 
टिपटॉप रहना शिहतका पालन करना 
चकाचक रहना आप सरीखा नहीं आएगा 
थोड़ी सिख बहनोंने बच्चोने सबने लिए 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा 
टुलिप्स करनेको हिम्मत दिए राजकुमारको 
डी. सी . नाम रोशन करके बताया आपने 
पोता पोतीको शादीमें शोक सारे पुराए
पोता पतिको नियतिको कैसे समझाना
मित्र सरीखे रहे बच्चोके साथ हमेशा 
 
प्यार दिया आपने ढेरसारा
आखरी बीमारी आयी और ले गयी आपको 
हम आजही समझते है आप है हमारे बिच
हम सबको चाहिए आपका आशीर्वाद 
१०० दिन हॉस्पीटलमे सेवा करी भरपूर
संतोंका मांगलिक सुनाया धर्मध्यान सुनाया 
लेकिन कर्मोके आगे झुकना पड़ा 
प्यार दिया आपने ढेरसारा
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