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है मुझे भाता

By Himanshu Manna in Poems » Short
Updated 09:32 IST Sep 21, 2019

Views » 1589 | 2 min read

ये तेरा हर पल बच्चा बनकर रहना,

पर वक़्त आते ही चीजें बाघोर तरीके से संभालना;

यूं तेरा मुझपे इस तरह हक जताना,

और दूसरे ही पल गाली देकर भगा देना,

है मुझे भाता

 

ये तेरा बेफिक्र होकर घूमना,

लेकिन उन मुफलिस बच्चो की ओर रूझाना;

ये तेरा इतना ज़ाहिर परास्त बनकर,

हर एक बंदे से मुलाकात करना,

है मुझे भाता

 

ये तेरा मुझपे इतना ऐतमाद होना,

की तेरी ज़्यादातर बात मुझको यूं बया करना;

ये तेरा मेरे कंधे पर सिर रखना,

और मेरे हटने पर मुझे खीच के वहीं ले आना,

है मुझे भाता

 

ये तेरा मेरे बालों को खीचना,

मना करने पर और ज़ोर से करना;

ये तेरा मेरे साथ वक़्त गुजारना,

मिनटों को घंटो में बदलते देखना,

है मुझे भाता, है मुझे भाता....

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