स्मरण
दादासाको स्मरण करे हम घडी घडी
सब जंजोरोसे छूट जाते है आपके
आशीषसे सही सही
तीन साल कैसे बीते मालूम नहीं
समारा मिरायसे घर भर गया
आपके सुनी सब रेहगी
एक पल भी नहीं भूलते आपको
हम हमारे साथमें ये महसूस
होता है दिंरातको
आप क्यों रूठ गए हमसे
क्या हो गई भूल हमारी
क्यों नहीं आते
क्यों नहीं दर्शन देते हमको
हम सब तरस रहे है आपकी यादसे
पोता पोती सबजन करते है आपकी बात
आप दिए हुवे संस्कारको याद करते पलपल है