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चल एक बार फिर उड चल

By Vijay Meghwal in Poems » Short
Updated 00:33 IST Jan 06, 2021

Views » 993 | 2 min read

चल एक बार फिर उड चल,

खोल कर अपने पर,

एक बार फिर से उड़ान भर,

एक बार तू बात ये मान,

और छू ले तू आसमान

 

मत लगा पाबंदी अपनी जिंदगी पर,

बेफिक्र हो दुनियादारी की परवाह मत कर,

छोटी सी जिंदगी है यह जी ले अपनी मर्जी से,

खुद को बदलना है सब कुछ यहां,

नहीं बदलेगा किसी की अर्जी से

तू खुद ही कर दे यह पहल,

चल एक बार फिर उड चल

 

बीते कल को भूलकर आज में तू जिंदगी जी,

ना परवाह कर आने वाले कल की,

यह जिंदगी है तुझे ऐसे ही नहीं, यह यहां मरने देगी,

आज एक मौका तुझ से छीना है पर कल हजार मौके देगी,

हार कर भी वापस खड़ा हो जा और संभल,

चल एक बार फिर उड चल

 

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