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उम्मीद न कर!

By taabiirdaan in Poems » Short
Updated 15:42 IST May 10, 2017

Views » 1622 | 1 min read

 

 मैं पंछी आवारा, 

राह ए उल्फ़त की उम्मीद न कर।

दर-दर भटकता रहा हूँ,

मुझसे मंजिलो की उम्मीद न कर।।

 

ज़ेरे गिर्दाब है कश्ती मेरी..

तू साहिलों की उम्मीद न कर।।

अदम सी है हस्ती मेरी...

ऐशो आराम की उम्मीद न कर।।

 

नाफर्माना है तेरा खुदा...

मुझे पाने की फ़रियाद न कर।।

 

ज़ेरे गिर्दाब ~भंवर में 

अदम ~ छोटी 

नफर्माना ~न सुन ने वाला

 
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