मैं पंछी आवारा,
राह ए उल्फ़त की उम्मीद न कर।
दर-दर भटकता रहा हूँ,
मुझसे मंजिलो की उम्मीद न कर।।
ज़ेरे गिर्दाब है कश्ती मेरी..
तू साहिलों की उम्मीद न कर।।
अदम सी है हस्ती मेरी...
ऐशो आराम की उम्मीद न कर।।
नाफर्माना है तेरा खुदा...
मुझे पाने की फ़रियाद न कर।।
ज़ेरे गिर्दाब ~भंवर में
अदम ~ छोटी
नफर्माना ~न सुन ने वाला