×

NITISH DADHICH

रौशनी में डुबकियां लगाती ये रात काली देखूँ, दिल कह रहा है मैं भी आज मानके दिवाली देखूँ। पटाखों की दुकान से दूर खड़ा था बच्चा, अपनी ज़ेब भरी या उसकी बदहाली देखूँ। एक तरफ रंग... read more...
10-Sep-2016 • 1543 views
  सामने पाया उसे हर सुबह जब आँख खुली, आँखों ने समझा आँखों को जब आँख खुली।                         कुछ मेहताबो की सोहबत में खूब नाचे जुगनू,            ... read more...
02-Aug-2017 • 1710 views
  सामने पाया उसे हर सुबह जब आँख खुली, आँखों ने समझा आँखों को जब आँख खुली।                         कुछ मेहताबो की सोहबत में खूब नाचे जुगनू,            ... read more...
02-Aug-2017 • 1674 views
NITISH DADHICH does not have any followers
NITISH DADHICH is not following any kalamkars

Sign up for our Newsletter

Follow Us