छोड़ कर सब कुछ चल एक
बार खुद से ही इजहार करते है
चलो आज खुद से ही प्यार करते है
बांधी थी जो उम्मीदें किसी और से
चलो आज वो खुद से करते है
चल आज खुद से ही प्यार करते है
तकलीफे,दर्द जो दिए थे कभी दूसरो ने
क्यों न भुला दे उन्हें आज
एक बार फिर ये वो ही खता करते हैं
चल आज खुद से प्यार करते है
छोड़ का सारी चिंताओं को
एक नई शुरूआत करते हैं
अधूरा छोड़ दिया जो सफर
आज फिर उसकी शुरुआत करते है
चल आज खुद से प्यार करते हैं
किसी के आने से जिन्दगी खुशहाल हो जायेगी
ये फालतू की बाते और इंतजार छोड़
चल बाहें फैला कर जिंदगी का इस्तकबाल करते है
चल आज खुद से प्यार करते है
कोरे थे जो पन्ने जिंदगी के
आज उन पर एक नई कहानी लिखते है
बेरंग थी जो तस्वीरें,
आज उनमें फिर से रंग भरते है
चल आज खुद से प्यार करते है